The raviraj pwr
गुरुवार, 2 नवंबर 2017
आशिक हूं मे कातिल भी हू सबके दिलों मे शामिल भी हू सपने चुराना नींदे उडाना बस यही मेरा कसूर वादो से अपने मुकरता नही मरने से मे कभी डरती नही
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